
यदि ‘ तू ‘ ‘बुजुर्गों की सेवा’ करता है , ‘किसी मंदिर’ मे ‘ मत जा ‘,
‘इससे बड़ी पूजा’ ‘ कोई नहीं दूजा’ , ‘सौ सुनार की’ ‘ एक लोहार की’ |
यदि ‘ तू ‘ ‘बुजुर्गों की सेवा’ करता है , ‘किसी मंदिर’ मे ‘ मत जा ‘,
‘इससे बड़ी पूजा’ ‘ कोई नहीं दूजा’ , ‘सौ सुनार की’ ‘ एक लोहार की’ |
‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…
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