Home कविताएं उदासी की कविताएँ मैं नहीं रोया , वो समझे कोई गम नहीं मुझको —

मैं नहीं रोया , वो समझे कोई गम नहीं मुझको —

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‘दर्द  में  भी  मैं  नहीं  रोया ‘ , ‘वो  समझे ‘ ‘मुझे  कोई  गम  नहीं  हैं ‘ ,

‘अब   तो   गम  छुपा  कर’ , ‘शांत  रहने  का  ज़माना   आ   गया   ‘|

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