
‘मैं एक शब्द जैसा हूँ’ , ‘ तू-‘ ‘उसका अर्थ’ लगती हो ,
‘जब तुम नहीं होती घर पर’, ‘सब कुछ व्यर्थ लगता है’ ,
‘जब तक शिकवे-शिकायत का डब्बा’ ‘नहीं खुलता घर में’ ,
‘लगता नहीं’ ‘ मैं घर मे हूँ ‘, ‘तू बता’ ‘ कैसे जीवूं मैं इस तरह’ |