{ 1 } ‘जहां सैकड़ों मरते हों ‘ , ‘ करोड़ों लूटे जाते हों ‘ , ‘ काली रातें कहो’ ,
‘देश मे गरीबी ‘ , ‘ बेरोजगारी’ , ‘अन्याय ‘ का ‘ ताण्डव होता हो जहां ‘ ,
‘जाहिली नागफनी नेतागिरा ‘ , ‘ कुकर्त्यों का’ ‘ जघन्य काम करते हों ‘ ,
‘वहाँ मानव की ज़रूरत नहीं ‘ , ‘ महामानव के ‘ ‘प्रादुर्भाव की ज़रूरत है
{ 2 } ‘कितने ही शहीद हो गए ‘ , ‘ गुमनामी के अँधेरों मे खो गए ‘ ,
‘इन रण बांकुरों ने कभी ‘ , ‘ शहादत का मोल नहीं मांगा ‘ ,
‘देश की शांति के लिए ‘ , ‘ खुद चुपचाप बिदा होते चले गए’,
‘इन तिरंगे के ‘ ‘ सजग प्रहरियों को ‘ , ‘ मेरा कोटि – कोटि नमन ‘ |