‘झूठी प्रतिष्ठा के जाल में फँसकर’ ‘अपना जीवन नष्ट मत करो’ ,
‘कैसी त्रासदी है यह’ ? ‘ कैसा दुर्भाग्य है ‘ ? ‘कैसा अज्ञानी है मानव ‘,
‘भौतिक इच्छाओं’ व ‘ वासनाओं ‘ को ‘ वश में करने की छमता बढ़ा ‘ ,
‘ मृत्यु ‘ को ‘ प्रतिछण याद रख ‘ ,’ दुर्भाग्य से समझोता मत कर ‘ |
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[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…
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शुद्ध सुविचार जीवन के आधार हैं , जरा सोचें
जरा सोचो ‘हवा में लट्ठ’ बहुत चला लिया, कुछ ‘काम की बात’ भी करो,… -
*विश्व का सबसे बड़ा व ‘ वैज्ञानिक समय गणना तंत्र ‘ हमारे ऋषि द्वारा प्रतिपादित*
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*विश्व का सबसे बड़ा व ‘ वैज्ञानिक समय गणना तंत्र ‘ हमारे ऋषि द्वारा प्रतिपादित*
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‘रोते’ के ‘आसूं’ न पोंछे, वह ‘रिस्ता’ किस काम का ?जो ‘मुस्कराने’ के ‘गुर’ सिखाये, ‘गले’ से लगा लेना |
[1] जरा सोचो ‘ एहसान-फरामोशी ‘ एक दिन तुमको ‘ डुबो ‘ देगी, … -
‘झुक’ कर चलने की ‘आदत’ है तो ‘कंकड़-पत्थर’ पार कर लोगे,’अकड़ खान’ की ‘जमीन सूंघनी’ निश्चित है |
[1] जरा सोचो ‘जाहिलों’ का जमाना है, ‘दिल्लगी’ उनका ‘शौके ब…
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