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मूल्यांकन करो अपना !

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‘प्रसन्न  व्यक्ति ‘, ‘ निरन्तर  अपना  मूल्यांकन  करके’  ‘और  सुधरते  हैं’ ,

‘दुखी  व्यक्ति ‘, ‘दूसरों  का  मूल्यांकन  करते-करते’ ‘ पागल  हो  जाते  हैं ‘ |

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