Home कविताएं उदासी की कविताएँ मुस्कराने की कला भी भूल जाता हूँ —

मुस्कराने की कला भी भूल जाता हूँ —

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“यूं” “उदासी से” “न मुझको” “और मारो” ,
“मुस्किले मेरी” “रुलाने” को “न कम” हैं ,
“जो भी मिलता” ,”बस रुलाता”, “भाग जाता ” है ,
“मुस्कराने ” की ” कला ” भी ” भूल ” जाता हूँ |

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