“यूं” “उदासी से” “न मुझको” “और मारो” ,
“मुस्किले मेरी” “रुलाने” को “न कम” हैं ,
“जो भी मिलता” ,”बस रुलाता”, “भाग जाता ” है ,
“मुस्कराने ” की ” कला ” भी ” भूल ” जाता हूँ |
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[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…
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शुद्ध सुविचार जीवन के आधार हैं , जरा सोचें
जरा सोचो ‘हवा में लट्ठ’ बहुत चला लिया, कुछ ‘काम की बात’ भी करो,… -
*विश्व का सबसे बड़ा व ‘ वैज्ञानिक समय गणना तंत्र ‘ हमारे ऋषि द्वारा प्रतिपादित*
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