Home कविताएं उदासी की कविताएँ मुस्कराते देखने की तमन्ना —

मुस्कराते देखने की तमन्ना —

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‘इतनी नफ़रतों ‘ से ‘ क्यों’ ‘ नवाजते हो’ ‘ हमें ‘ ,
‘क्यों ‘ ‘इतना जहर’ , ‘जहन में’ ‘पाल ‘ रक्खा है ,
बस ‘तुम्हें ‘ ‘मुस्कराते देखने ‘ की ‘तमन्ना है मेरी’ ,
‘इतनी ख़्वाहिश’ की ‘इतनी बड़ी सज़ा’-‘क्यों,किसलिए’ ?

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