Home कविताएं धार्मिक कविताएँ मन के विकारों को’ ‘ वश मे कर’ , ‘नाम की कमाई कर

मन के विकारों को’ ‘ वश मे कर’ , ‘नाम की कमाई कर

0 second read
0
0
1,122

‘मन के विकारों को’ ‘ वश मे कर’ , ‘नाम की कमाई कर’ ,
‘द्रढ़ निश्चय करके’ ‘ प्रेम भरोसे’ , ‘सदगुरु की वाणी सुन’ ,
‘नाम’ –‘प्रभु का रूप है’ ,’शक्ति रूप’, ‘ज्ञान रूप’, ‘आनंद रूप’ है ,
‘दबे विकारों की जड़ काट’ , ‘प्रभु नाम का अमृत पी ‘ |

Load More Related Articles
Load More By Tara Chand Kansal
Load More In धार्मिक कविताएँ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धकेल देगा

‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…