Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘मन की आवाज़ सुन” , “उसका गुलाम मत बन” |

‘मन की आवाज़ सुन” , “उसका गुलाम मत बन” |

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“जिस  इंसान   में  ज्ञान  और  बुद्धि  है”,”हमेशा  आत्मा   की  आवाज़   सुनता  है” ,

“जिस   इंसान   की   बुद्धि”-“मन   की  गुलाम   है “,” वहीं  शैतान  की  हुकूमत  है” ,

“तू “, ” नेक   काम   करता   चल” ,  “गुमराह   मत   हो”, “सुखों  का   भागी  बन ” ,

“जहां   शैतान   की  हुकूमत   है”-” बेअंत  दुख  मिलता  है “,” दर-दर  भटकता  है ” | 

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