Home ज्ञान ‘भारत में फैले झूठ’ ‘ जिन्हें हम सच मान बैठे हैं ‘ !

‘भारत में फैले झूठ’ ‘ जिन्हें हम सच मान बैठे हैं ‘ !

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भारत   में   फैले   इन   झूठ   – आज   हम   आपको   भारत   में   प्रचलित   कुछ   ऐसे झूठों   के   बारे   में   बताने   जा   रहे   हैं   जिन्हें   आप   कई   वर्षों   से   सच   मान बैठे   हैं  ।

यहां   तक   कि   इनके   बारे   में   लोगों   ने   इतना   कुछ   पढा-लिखा   है   कि   इन्हें  वह   सच   ही   समझने   जाने   लगा   है  ।

तो   चलिए   इनके   बारे   में   विस्तार  पूर्वक   जानते   हैं   भारत   में   फैले   इन   झूठ   के   बारे   में   ।

1 – आपने   सुना   होगा   कि   1960   में   हुए   ओलम्पिक   में   400   मीटर   की रेस   के   दौरान   मिल्खा  सिंह   ने   पीछे   मुड़  कर   देखा   जिसके   कारण   वो    हार   गए  , जबकि   हकीकत   में   ऐसा   कुछ   नहीं   हुआ   था   बल्कि   मिल्खा पांचवें   स्थान   पर   थे   और   बडी   मशक्‍कत   के   बाद   चौथा   स्थान   हासिल   कर   पाए   थे  ।

2 – सालों   से   हम   सुनते   आ   रहे   हैं   कि   नेता जी   सुभाष   चंद्र   बोस   की मृत्यु   विमान   दुर्घटना   में   हुई   थी  ,   लेकिन   1999   में   आई   रिपोर्ट   की   मानें   तो   नेता जी   की   मृत्यु   हवाई   दुर्घटना   से   नहीं   हुई   थी  ।  हालांकि   आज   तक   इस   बात   का   कोई   सबूत   नहीं   मिला   कि   आखिर   नेताजी        की   मृत्यु   कैसे   हुई   थी  ?

3 – गांधी   जी   के   नाम   से   एक   वाक्य   बेहद   मशहूर   है   “एक   आंख   के बदले   आंख   पूरी   दुनिया   को   अंधा   बना   देगी  ”   लेकिन   वास्तव   में   गांधी जी   ने   ऐसा   कुछ   नहीं  कहा   था  ।  बल्कि   यह   गांधी   जी   पर   बनी   एक फेमस   फिल्म   का   डॉयलोग   है  ।

4 – लालू   प्रसाद   यादव  ,  बिहार   के   बहुत   बडे   नेता   हैं  ।  हाल   ही   में   उनकी बेटी   मीसा   भारती   ने   फेसबुक   पर   एक   तस्वीर   डाली   थी   जिसमें   वह   हार्वर्ड   यूनीवर्सिटी   में   लोगों   को   सम्बोधित   कर   रही   थी  ।   बाद   में   हार्वर्ड   के   प्रवक्ताओं   ने   यह   पुष्टि   कर   दी   की   उन्होंने   इस   प्रकार   का   लेक्चर अपनी   यूनिवर्सिटी   में   कभी   सम्बोधित   ही   नहीं   किया ।

5 – आपने   यह   तो   सुना   ही   होगा   कि   भारत   का   राष्ट्रीय   खेल   हॉकी   है लेकिन   इस   बात   में   कोई   सच्‍चाई   नही   है   क्‍योंकि   हॉकी   के   भारत   के राष्‍ट्रीय   खेल   होने   का   कोई   लिखित   प्रमाण   नहीं   है  ।   हाल   ही   में आरटीआई   के   जवाब   में   खेल   मंत्रालय   ने   यह   स्पष्ट   कर   दिया   कि      भारत   का   राष्ट्रीय   खेल   हॉकी   नही   है  ।  यहां   तक   की   भारत   का   राष्ट्रीय खेल   घोषित   ही   नही   किया   गया   है  ।

ये   है   भारत   में   फैले   इन   झूठ  — जिनको   हर   कोई   सच्चा   मान   रहे   है – हालांकि   इन   बातों   का   सच   होने   का   कोई   प्रमाण   नहीं   है   इसलिए   यह सच   हैं   या   झूठ   यह   कह   पाना   मुश्किल   है  ।

 

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