Home ज़रा सोचो ‘भारतीय संस्कृति को जानें तथा यूरोप की विवशता को न अपनाएं ‘!

‘भारतीय संस्कृति को जानें तथा यूरोप की विवशता को न अपनाएं ‘!

1 second read
0
0
882

यूरोप की विवशता…. हमारी मूर्खता… 🤔

1.

*आठ महीने ठण्ड पड़ने के कारण 
कोट पैंट पहनना उनकी विवशता और
शादी वाले दिन भरी गर्मीं में कोट – पैंट डाल कर 
बरात ले कर जाना हमारी मुर्खता !*

2.

*ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण 
सड़े आटे से पिज्जा,, बर्गर,, नूडल्स आदि खाना 
यूरोप की विवशता और 56 भोग छोड़ 
₹ 400/- की सड़ी रोटी (पिज्जा ) खाना हमारी मुर्खता !*

3.

*ताज़ा भोजन की कमी के कारण 
फ्रीज़ का इस्तेमाल करना यूरोप की विवशता और
रोज दो समय ताजी सब्जी बाजार में मिलनें पर भी 
हफ्ते भर की सब्जी मण्डी से लेकर 
फ्रीज में ठूँस कर सड़ा – सड़ा कर उसे खाना 
हमारी मुर्खता !*

4.

*जड़ी – बूटियों का ज्ञान ना होने के कारण… 
जीव जन्तुओं के हाड़ – माँस से दवायें बनाना 
उनकी विवशता और आयुर्वेद जैसा महान चिकित्सा ग्रन्थ होने के बावजूद उन हाड़ – माँस की दवाईयाँ
उपयोग करना हमारी महांमुर्खता !*

5.

*पर्याप्त अनाज ना होने के कारण 
जानवरों को खाना उनकी विवशता और
1600 किस्मों की फसलें होनें के बावजूद
जीभ के स्वाद के लिए 
किसी निरीह प्राणी को मार कर 
उसे खाना हमारी मुर्खता !*

6.

*लस्सी, दूध, जूस आदि ना होने के कारण 
कोल्ड ड्रिंक को पीना उनकी विवशता और
36 तरह के पेय पदार्थ होते हुऐ भी 
इस कोल्ड ड्रिंक नामक जहर को पी कर 
खुद को आधुनिक समझ कर इतराना 
हमारी महा महा महा मुर्खता !*
🙏
*विशेष अनुरोध :- 
“एक बार विशुद्ध भारतीय सँस्कृति पर 
अवश्य विचार करें”।।*

 
Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In ज़रा सोचो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…