‘अनेकों घोटालों की पोल खुल चुकी है’ ,’ सभी के सामने हैं ‘ ,
‘निश्चित हैं’ , ‘सारे लोग प्रदूषित घोटालों की गंगा मे नहाये हैं ‘,
‘गजब प्रशासन’ ,’गजब कानून’ , ‘कोई कभी पकड़ा ही नहीं जाता ‘,
‘पूरे देश को उधेढ कर रुई बना डाला ‘ , ‘ तार- तार झीना है ‘ ,
‘उम्र कैद ‘, ‘फांसी की सज़ा के हकदार भी’ , ‘संसद की शोभा बढाते हैं ‘,
‘ज्यादा – एक थैली के चट्टे- बट्टे नज़र आते हैं ‘, ‘सियासत में छेद है’ ,
‘बे-इमानी का जहर’ ‘ नीचे से ऊपर तक’ ‘फैला हुआ है हमारे देश में ‘ |