Home कहानी प्रेरणादायक कहानी बेटी बचाओ समाज बचाओ –स्वाभिमान

बेटी बचाओ समाज बचाओ –स्वाभिमान

1 second read
0
0
1,167

*हर पिता के भाग्य मे बेटी नहीं होती*
*———————————-—-*
*राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुँचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक

बारात का स्वागत किया।*

*तभी दशरथ जी ने आगे बढकर जनक जी के चरण छू लिये।चाॅककर जनक जी ने दशरथ जी को थाम लिया और

बोले महाराज आप मुझसे बड़े है और तो और वरपक्ष वाले है ये उल्टी गंगा कैसे बहा रहे हैं …..?*
*इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुंदर बात कही,महाराज आप दाता हो कन्यादान कर रहै हो,मैं तो याचक हूँ आपके द्वा

कन्या लेने आया हूँ ,,अब आप ही बताऔ दाता और याचक में बड़ा कौन है ,?*

*यह सुनकर जनक जी की आखो मे अश्रुधारा बह निकली….. ।।*


*भाग्यशाली   है   वो   लोग   जिनके   घर   में   होतीं   है   बेटियाँ , हर   बेटी   के   भाग्य   मे   पिता   होता   है   लेकिन  

हर   पिता   के   भाग्य   मे  बेटी   नहीं   होती ।।*


बेटी बचाओ समाज बचाओ….स्वाभिमान

Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In प्रेरणादायक कहानी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…