Home कविताएं प्रार्थना , भगवान और मुस्कराहट !

प्रार्थना , भगवान और मुस्कराहट !

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“प्रार्थना” से “आत्मविश्वास” बढ़ता   है ,” मानसिक ” ” शांति ” मिलती  है ,
” निर्भयता ” आती  है , और ” नसों ” में ”  ढीलापन  ”  उत्पन्न   होता   है ,
”  मानसिक  ” ” रोगों  ”  से  ” बचाव  ” व ”  छुटकारा ”  मिल   जाता   है  ,
“सोते समय” “प्रार्थना”का”नियम” “अनिद्रा रोग” व “सपनों” से बचाता है |

{2}

” कृष्णा  “-  राधा  का ” गिरधर- नागर ” तो ” कवियों ”  का ” रसखान ”  है ,
“सुदामा” का “मित्र”,”गोपियों”का “माखन-चोर”तो “यशोदा” का “लाल ” है,
“योगियों”का”योगी” तो”मन”व “इंद्रियों”की नियंत्रण”कला” का “पारखी” है
“गीता”का”सूत्रधार” है ,” वह” तो “विराट” है ,”बहुर्मुखी ” है ,” व्यापक” है  |

{3}

“थकान” और  “तनाव”  मे  तेरे  होठों  पर  “मुस्कराहट”  कैसे  आएगी ,
गर  ” हसतें -मुस्कराते ”  ज़िंदगी  बिताएगा ,  तो  रोना  भूल  जाएगा |

 
 
 
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