{1]
“प्रार्थना” से “आत्मविश्वास” बढ़ता है ,” मानसिक ” ” शांति ” मिलती है ,
” निर्भयता ” आती है , और ” नसों ” में ” ढीलापन ” उत्पन्न होता है ,
” मानसिक ” ” रोगों ” से ” बचाव ” व ” छुटकारा ” मिल जाता है ,
“सोते समय” “प्रार्थना”का”नियम” “अनिद्रा रोग” व “सपनों” से बचाता है |
{2}
” कृष्णा “- राधा का ” गिरधर- नागर ” तो ” कवियों ” का ” रसखान ” है ,
“सुदामा” का “मित्र”,”गोपियों”का “माखन-चोर”तो “यशोदा” का “लाल ” है,
“योगियों”का”योगी” तो”मन”व “इंद्रियों”की नियंत्रण”कला” का “पारखी” है
“गीता”का”सूत्रधार” है ,” वह” तो “विराट” है ,”बहुर्मुखी ” है ,” व्यापक” है |
{3}
“थकान” और “तनाव” मे तेरे होठों पर “मुस्कराहट” कैसे आएगी ,
गर ” हसतें -मुस्कराते ” ज़िंदगी बिताएगा , तो रोना भूल जाएगा |