[1]
‘पुलिस’ आपको न ढूंढे’, ‘आप ‘डाक्टर’और ‘वकील’को न ढूंढें’,
‘ये ही सुख का सागर है’,’इतने में ही तसल्ली रख ‘l
[2]
‘हीन विचारों का प्राणी’ ‘कभी उन्नति नहीं करता ‘,
‘उच्च विचारों का प्राणी’ कभी ‘असफल ‘नहीं होता ‘ l
[3]
‘परिवर्तन से घबरा गया,’संघर्षो से कतराने लगा , ‘
‘तेरी कायरता की श्रेणी है, कैसे जियेगा ये तो बता ‘?
[4]
‘दूसरे के व्यक्तित्व की नक़ल करोगे तो पछताओगे ‘,
‘स्वम के व्यक्तित्व का आंकलन तुझे विलक्छण बना देगा ‘ l
[5]
‘धर्म करके भगवान से मांगते हैँ, ‘कर्म करने से वो स्वम देते हैँ ‘,
‘धर्मी तो बनो पर कर्मकार भी बनो, समर्द्ध जीवन का यही निचोड़ है’
[6]
‘मुसीबतों से कहो यहाँ खुशियों का सागर समाया है ‘,
‘तुम्हें इतना सतायेंगे की किसी के घर जाना भूल जाओगी ‘ l
[7]
‘प्रभु ! ‘आँखें’ वो दो जिन्हें सिर्फ अच्छा दिखाई दे’ ,
‘दिल’ वो दो जो दूसरों की गलती पर पर्दा डालता रहे ‘,
‘मस्तिष्क ‘ वो दो जो सबकी बुराइयाँ भूलता जाएँ’ ,
‘आत्मा ‘ वो दो जिसमें प्रभु का प्रकाश ही दीखे ‘ |
[8]
मेरी सोच
” भला आदमी उस मोमबत्ती की तरह है जो जल कर सदा दूसरों को प्रकाश प्रदान करता है ” |
[9 ]
‘भंडारे’ में जो श्रद्धा होती है ,
‘आजकल नज़र नहीं आती ‘,
‘देखा-देखी का नज़ारा पेश होता है ,
‘अहम भाव की भरमार है ‘|