[1]
मेरी सोच :-
” बेरोजगारी के कारण आज बच्चे भटक कर गलत रास्तों पर चलने लगे हैं |
अंधी आर्थिक दौड़ में युवक देश – द्रोही काम करने से कैसे बच पाएंगे ” |
[2]
‘राहें विकास की’ ‘बढ़ते विश्वास की’ ,’ फिर भी कुनबा डूबा क्यों ‘ ?
‘देश में झूठ का बोलबाला है ” इन दरिंदों से बचा हमको खुदा ‘ |
[3]
“हे प्रभु ! आप खुशबू की तरह रहते हो हर जगह ‘,
‘महसूस जरूर होते हो परंतु दिखते नहीं कभी ” |
[4]
‘भविष्य में जीना’ या ‘भविष्य की आशा करना’ ही ‘तनाव का कारण है’ ,
‘एक बार असफल होते ही हम’ ‘असामान्य स्थिति का अनुभव करते हैं’ ,
‘तनाव की मान्यताओं को बदलो ‘, ‘ जीवन की सही राह को पकड़ो ‘ ,
‘दर्द जब साधारण लगता है’, ‘ईलाज कराते ही नहीं’,’बस चलते जाते है ‘|
[5]
‘बिना कुछ करे कुछ नहीं मिलता किसी को जान लो ‘,
‘कड़ी धूप में चलने पर ही ,खुद का साया दिखाई देता है ‘ |
[6]
‘कृपया विचार करें ‘:-
‘शादी – विवाह पर शगुन हेतु’ ‘हम एक लिफाफा जरूर देते हैं ‘ ,
‘बीमारी में मदद ज्यादा जरूरी है ‘,’ हम मिलने भी नहीं जाते ‘,
‘कृपया समीक्षा करें’ ‘क्या यह हमारी उचित मनस्थिति का दर्पण है’ ,
‘यदि नहीं ‘! ‘तो प्राण करें’,’जरूरतमन्द को ही लिफाफा दिया जाए’ |
[7]
‘सबको परमात्मा स्वरूप समझ कर’ ‘मन’ ‘क्रम’ ‘वाणी ‘ से ‘सम्मान करो’ ,
”सम्मान करने में कंजूसी क्यों ‘? ‘ इससे ‘आयु’ ,’ विदद्या ‘ ‘यश’ बढ़ता है ‘,
”प्रेम’ ‘त्याग’ व ‘ सहानुभूति ‘ से ‘ जन – मानस का विश्वास जीत सकते हो ‘,
‘समय साक्षी है’ ‘-ऐसा मानव – सभी के लिए सम्माननीय बन जाता है ‘”|
[8]
‘सुना है हाथ की लकीरें अच्छी न हों ‘ ‘तो किस्मत साथ नहीं देती ‘,
‘मगर माँ-बाप का स्नेही हाथ सिर पर हो’,’लकीरें रास्ता बदल देंगी ‘|
[9]
‘बुरे पल’-‘ ज्यादा मेहनत करने का इशारा करते हैं’ ,
‘अच्छे पल ‘-‘ आगे बढ़ने का मौका परोसते हैं सदा ‘,
‘सोच में बदलाव’ ‘निश्चित बुरे पलों को टाल देते हैं’ ,
‘आओ प्राण करें’-‘संकीर्णता छोड़ेंगे सकारात्मक सोचोंगे’ |
[10]
‘अपने कार्य में खुद को इतना डुबाओ ‘ ‘ दूसरे की बुराई का मौका ही न मिले ‘,
‘यदि सभी प्राणी इस दिशा में बढ़ गए तो ‘ ‘उन्नति के द्वार खुद खुलते जाएंगे ‘ ।’ |