[1]
“सुमरण कभी अँधेरों में भटकने ही नहीं देगा तुझे ” ,
“सही मंज़िल पकड़नी है” तो” प्रेम का दीपक जलाए रख” |
[2]
” अगर किस्मत खराब है ” “तो प्रभु भी बख्श देंगे तुझे “,
“अगर नियत खराब है” “तो चुल्लू भर पानी मे ड़बना अच्छा” |
[3]
“आजकल सुविधाओं और संसाधनों का प्राप्त करना सरल है “,
“प्रेम पाना बेहद कठिन हो गया है “,” प्रेम का प्रायः अभाव है” ,
“प्रेम के सागर सूख रहे हैं “,” हमारे चिंतन बेहद प्रभावित हैं ” ,
“मनुष्य प्रखर है “, ” सजग है ‘,’आत्मीय है” पर ” प्रेम रहित है “,
“प्रेम के अभाव में परिवार जूझ रहे हैं” “पूर्णतया दशाहीन हैं “,
“‘हिंसा और प्रतिशोध ‘ की भावना “”प्रेम को पलने ही नहीं देती “|
[4]
“आज हमारे पास कान तो हैं” “लेकिन हम ठीक से सुनते नहीं” ,
“आँखें तो सभी के पास हैं” “लेकिन अच्छा अकसर देखते ही नहीं” ,
“मुख से मीठी वाणी निकले ” ” कितने ही दिन बीत जाते हैं” ,
“यही मनुष्य की निद्रा अवस्था है””,जिसे जाग्रत करना जरूरी है” |
[5]
“श्याम नाम की नैया पर सवार हो बढ़ते चलो “,
“डूबती पतवार भी तर जाएगी””गजब खेवनहार है” |
[6]
“जग में भटक भटक कर थक गया “,” कोई किनारा नहीं मिला “,
“जब राम नाम सुमरण लगा “, ” किनारे ही किनारे मिलते गए “|
[7]
“सारी ख्वाहिशें उसके दरबार में रख दे “,”आगे उसका काम है “,
“जो तेरे हित में होगा “,” उसे पूरा करने में वो देर नहीं करता ” |
[8]
“जब हवा फूलों से टकराती है “,” खुशबू फैला देती है चारों तरफ ” ,
“तू भी सुसंगति का दामन पकड़ “, ” प्रभु दामन पकड़ लेंगे तेरा ” |
[9]
” संतों की वाणी सुनते रहो ” ,” उद्धार हो जाएगा तेरा ” ,
“भवसागर पार करना हो” “तो संतों का सानिध्य पाओ “,
” परिवार की जरूरत है ” ” तो स्नेह के पौधे लगाओ “,
“अपनेपन की जरूरत है” “तो विश्वास का दामन पकड़” |
[10]
“कोशिश तो करता हूँ एक मनका” ” तेरे नाम का रोज़ फेरता रहूँ “,
“मनका बड़ा मक्कार है”,’ मुझे दुनियादारी से निकलने ही नहीं देता “|