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“प्रभु की सेवा में ” !

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[1}

“किसी  से  कुछ  सुना ” और ” नफरत  करने  लगे  मुझसे  ‘,
‘ इस  बेजुबान  की  कम  से  कम ‘,’हकीकत जान तो लेते ‘ |

{2}

“जिस्म” “इश्क” की जरूरत  है ” ,” किसने  फरमाया  है   जनाब “?
“राधा- कृष्ण” का ” इश्क  इबाबत थी” ,” जिस्मानी  जनून  नहीं ” |

{3}

 

“जब  भी  मुसीबत  आती  है  “,” वो ” ” मुझे  बचा  लेता  है ” ,
“उसको  कभी  देखा  नहीं  “,” मैं  अदब  से  सिर  झुकता  हूँ ” |

{4}

“जीवन  में  एक  सुलझा  गाइड  होना  बेहद  जरूरी  है ” ,
“श्रीकृष्ण मार्गदर्शन नहीं करते” “,प्रतिकुलता ही होती” ,
‘ प्रतिकूल को अनुकूल ‘ बना  कर  ही ‘ नजीर बनते  हैं “,
“राम -कृष्ण  ने  प्रतिकूलता  में  ही सफलता  पायी थी” |

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