‘प्रेम और भाई चारा ‘,’शांति और अहिंसा ‘ की अमिट छाप डालते हैं ,
‘माननीय उदारता के घटते प्रारूप में’ , ‘धन’ \ही ‘धर्म का प्रतीक हो गया है’ ,
‘मानव को मानव से जोड़ने का ‘ ‘भागीरथ प्रयास सदा होना ही चाहिए’ ,
‘पानी’ ‘इधर से बहे या उधर से’ ,बस ‘प्यार का तालाब ‘ भरना चाहिए |