‘कामना पूर्ति करने की अधेड्बुन में ‘, ‘ प्राप्त शांति भी भंग हो जाती है ‘ ,
‘एक कामना पूरी होने से पूर्व ‘, ‘ अनेकों नई विधाएँ जन्म ले लेती है’ ,
‘ऐ पापी मन’ ! ‘कहीं तो ठहर’ ,’शांति का अहसास कर’ , ‘डावांडोल मत रह’ ,
” परिवर्तन ” ‘संसार का सुंदर प्रारूप है ‘ , ‘तू ‘ , ‘समरसता खुद में ढाल ‘ |