इस फल के सेवन से कोई भी बीमारी नही बच सकती , चाहे वो एड्स हो या कैंसर
नोनी फल का महत्व
बेशक नोनी ( मोरिंडा सिट्रोफोलिया ) नामक यह फल किसी बीमारी का इलाज़ तो नहीं मगर इसके सेवन से कोई भी बीमारी नही बच सकती , चाहे वो एड्स हो या कैंसर ।
आज नोनी फल आम लोगों के लिए जितना गुमनाम है , सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद । इसके रूप में वैज्ञानिकों को एक ऐसी संजीवनी हाथ लगी है जो स्वास्थ्य के लिए अमृत समान है ।
अस्थमा , गठिया , मधुमेह , दिल की बीमारी , नपुंसकता , स्त्रियों की बीमारिया एवम् बांझपन सहित कई बीमारियों के इलाज में रामबाण साबित हो रहा है ।
मात्र यही नही बल्कि पान-मसाला , गुटखा , तंबाकू की जिसे आदत है वे अगर नोनी खायेंगे या उसका जूस पिएंगे तो उनकी इस तरह की तरह आदतें छूट जाएँगी और कैंसर भी नही होगा । इस फल से प्रतिरोधक क्षमता इतनी अद्भुत तरीके से बढ़ती है की फिर एड्स क्यों न हो उसको भी यह क्योर करने का दम रखता है ।
एक ताजा शोध के मुताबिक नोनी फल कैंसर व लाइलाज एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों में भी कारगर साबित हो रहा है । वहीं भारत में वर्ल्ड नोनी रिसर्च फाउंडेशन सहित कई शोध संस्थान शोध कर रहे हैं ।
हाल ही में नोनी के इन रहस्यमयी गुणों का खुलासा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में एक सेमिनार में हुआ । कृषि वैज्ञानिक नोनी को मानव स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की अनमोल देन बता रहे हैं ।
इन वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र तटीय इलाकों में तमिलनाडु , कर्नाटक , महाराष्ट्र , उड़ीसा , आंध्रप्रदेश , गुजरात , अंडमान निकोबार , मध्यप्रदेश सहित नौ राज्यों में 653 एकड़ में इसकी खेती हो रही है ।
वहीं कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व चेयरमैन व वर्ल्ड नोनी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. कीर्ति सिंह ने कहा – “ इस फल में दस तरह के विटामिन , खनिज पदार्थ , प्रोटीन , फोलिक एसिड सहित 160+ पोषक तत्व हैं ।”
उन्होंने कहा कि – “ इसके इत ने पोषक तत्वों की मौजूदगी के चलते उच्च रक्तचाप , हृदय , मधुमेह , गठिया , सर्दी जुकाम सहित अनेक बीमारियों में औषधि के रूप में काम आता है ।”
उन्होंने यह भी बताया कि, “ यह फल एक बेहतरीन एंटी ऑक्सिडेंट है , यदि शुरू से इसका सेवन किया जाए तो कैंसर नहीं होगा , फाउंडेशन कैंसर व एड्स पर नोनी के प्रभाव का शोध कर रहा है ।”
शहर में लगभग 25 एड्स मरीजों को नियमित नोनी का जूस पीने को दिया गया और लगातार उन पर ध्यान रखा गया जिसके पश्चात सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और अब ज्यादातर मरीज बेहतर महसूस करते हैं ।
वहीं इसके अलावा मुंबई , बेंगलुर , हैदराबाद , चेन्नई सहित कई मेट्रो शहरों में दर्जनों कैंसर पीड़ितों को यह दिया जा रहा है जिन्हें अस्पतालों ने डिस्चार्ज कर दिया था ।
ये भी देखा जा रहा है कि जिन मरीजों को नोनी दिया जा रहा है , उनकी उम्र भी बढ़ गई है । मगर अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि नोनी के सेवन से कैंसर व एड्स पूरी तरह ठीक ही हो जाएगा , शोध जारी है ।
वहीं नोनी के बारे में जागरूकता फैलने पर अब इस फल को लेकर दूसरे देशों में भी इस पर शोध चल रहे हैं। इस फल के उन गुणों और तत्वों के बारे में परीक्षण चल रहे हैं जिस कारण ये महत्त्वपूर्ण हो जाता है ।
इस समय नोनी की उपयोगिता को ध्यान रखकर ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि स्नातक पाठ्यक्रम में दो साल से नोनी को शामिल कर लिया है । अंतत: नोनी हमारी सांकृतिक धरोहर है और इसका लाभ उठायें ।