Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘ नसीब ‘ और ‘ तदबीर ‘

‘ नसीब ‘ और ‘ तदबीर ‘

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‘खेल   नसीब   का  जरूर  है  फिर  भी ‘, ‘तदबीर’  ‘किए  बिना  कुछ  नहीं  होता ‘,

‘कुछ   न   कुछ   जरूर   किए   जा ‘, ‘ नसीब  ‘ ‘बदलने   में   देर   नहीं   लगती ‘ |

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