[1]
‘भ्रष्टाचार और आतंकवाद’ नववर्ष से ‘बिदाई कराने का संकल्प लो ‘,
‘देश की शान प्रतिष्ठित कराओ ‘,’ ओछे हथकंडे अपनाना छोड़ दो ‘|
[2]
देश के राजनीतिज्ञों से अनुरोध !
‘कभी तो स्वकल्याण गौण करके जन -कल्याण की सोचो’,
‘उन्हीं से तुम्हारी शान है यह बात भूल गए तो तुम’|
[3]
‘बंधे हाथ करके जिएंगे तो’ ‘जीवन आनंदमय गुजर जाएगा’,
‘अकेला तो चना भी भुन नहीं पाता’ ‘सभी फैक देते हैं उसे’ |
[4]
‘जो खुद को नहीं समझता’
‘दुनियाँ को बेहूदी मान कर चलता है’,
‘पहले खुद को जान लो ‘
‘फिर जो भी होगा वो भी देखा जाएगा’ |
[5]
‘देश को पुरुषार्थों को जरूरत है’ ,
‘जो देश को उन्नति के शिखर पर ले जाएँ ,
‘तूफानी और हिम्मती लोग आगे बढ़ें’ ,
‘अब कमजोर दिलवालों के जमाने लद गए ‘|
[6]
‘आप सबसे मधुर संबंध बनें रहें ‘,
‘आप सबको मेरा नमन ‘,
‘जीवन प्यार से कट जाएगा’ ,
‘बस इतनी तमन्ना है ‘|
[7]
नव वर्ष
‘उलझनों से उलझना नहीं चाहता, सिर्फ मुस्कराते रहने की तमन्ना है’
‘प्रभु ऐसी कृपा कर दो , किसी न किसी के काम ही आता रहूँ’|
[8]
‘जब आपकी दुआओं का खजाना साथ है,
‘फिर चिंता किस बात की ‘?
‘हौसला अफजाई भी खूब होती है’ ,
‘नत-मस्तक हूँ मैं सबके लिए ‘|
[9]
‘अगर तू तैराक नहीं तो पानी में उतरना बेमानी है ‘,
‘दूसरे के कंधे पर बंदूक चलाना समझदारी नहीं होती ‘|
[10]
‘खुद बदबूदार होते हुए भी सबको बदबूदार समझते हो’,’बड़े नादान हो’,
‘कुछ कहने से पहले खुद में झांक लेते,’सही माजरा समझ जाते ‘|