Home ज़रा सोचो ‘धैर्यशीलता, कड़ी मेहनत ,आत्मविश्वास हमें निडर,साहसी और धर्यवान बनाते हैं ” |

‘धैर्यशीलता, कड़ी मेहनत ,आत्मविश्वास हमें निडर,साहसी और धर्यवान बनाते हैं ” |

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[1]

‘स्त्री’  का  घर  में  अपनी  ‘उपस्थिति  का  आश्वासन’ होना  जरूरी  है,
‘परिवार  की  अन्य  चीजें , ‘ खुद-ब-खुद  ही  सहज  होती  जाएंगी’ !

[2]

‘चीजें  ‘ इतनी ‘बोझल’  नहीं  होती,  जितनी  हम  बना  देते  हैं,
‘घर की ‘बिगड़ी  दास्तान, खीज, कुढ़न, सहमापन, ‘सब  उड़  जाएंगे’ !

[3]

‘ धैर्यशीलता  के  गुण’  से  सब  कुछ  मिलता  रहता   है,
‘जल्दबाजी’ अपशकुन  है,’सब  कुछ  हाथ  से चला जाता   है’ |

[4]

‘हमारा  काम’  हमारी  पहचान  बनाता  है ,  तो  काम  बिगाड़  भी  सकता  है ,
‘कोशिश  करें, हर  काम ‘बेहतर  योग्यता’ से  करें, ‘चाहे  जोखिम  भरा  ही  हो’ !

[5]

‘शिखर  पर  पहुंचना ‘ आसान  है ,  परंतु  शिखर  पर  बने  रहना  बेहद  कठिन ,
‘लगातार  कड़ी मेहनत’ ऐसा  दांव  है, ‘जो  तुम्हारी ‘प्रतिष्ठा  को’ बचाए  रख  सकता  है’ !

[6]

‘उलझाव  और  टकराव’  वाले  मुद्दों  से , सदा  बच  कर  रहते  चलो ,
‘अगर  किसी  की  बात ‘चुभ’ जाए, ‘तुरंत  ‘सुलझाना’  सदा  उत्तम’ !

[7]

‘अचानक  ‘नई  वस्तु’ देखते  ही  मनोहरी , सुंदर , सुखद  लगती  है  हमें ,
‘वास्तव  में ‘सुख’ ‘वस्तु’ से  नहीं  मिलता,’यह  मन  की  मात्र  ‘तृष्णा’  है’ !

[8]

‘यदि ‘आत्मविश्वास’ दृढ़  है, ‘आप  निडर, साहसी  व  धैर्यवान  प्राणी  हैं ,
‘घबराहट  और  भय’ को  त्याग  कर, ‘कदम  बढ़ाना  ही  ‘सदा  उत्तम’ !

[9]

‘मोहब्बत  का  परचम’  हर  हाल  में  फहरना  चाहिए,
‘सभी ‘मजहबों  के  रंग’ में ‘खुदा  का  नूर’ मिलता  है’ !

[10] 

‘जो  मानव’  ‘अविश्वसनीय ‘ कार्यों  को  कर  डालते  हैं,
‘वही  ‘महापुरुष’  कहलाते  हैं, ‘उन्हें  ढूंढा  नहीं  जाता’ !

 

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