“हँसना’ – ‘ रक्त में प्रतिरक्षा छमता में ‘ ‘ निश्चित बढ़ोतरी करता है’ ,
“हँसना ‘,’खिलखिलाता चेहरा’, ‘दूसरों को बरबस अपनी ओर खींचता है’ ,
‘धीरे हंस’ , ‘ज़ोर से हंस ‘ या ‘ ठहाका मार कर हंस ‘ ,’ बस सदा हंस ‘ ,
“सिर से उलझनों की गठरी उतर जाएगी ” , ” जिंदगी जी जाएगा ” |
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[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…
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शुद्ध सुविचार जीवन के आधार हैं , जरा सोचें
जरा सोचो ‘हवा में लट्ठ’ बहुत चला लिया, कुछ ‘काम की बात’ भी करो,… -
*विश्व का सबसे बड़ा व ‘ वैज्ञानिक समय गणना तंत्र ‘ हमारे ऋषि द्वारा प्रतिपादित*
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‘हमारी जिंदगी की सुंदर सोच से फूल खिलते ही हैं ‘
[1] ‘लालसा हेतु सबसे लड़ पड़ता है’,’आडंबरों में फंसा रहता है R… -
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