‘धर्म ‘–‘ एकता पैदा करने का जरिया है ‘ , ‘ लड़ने का नहीं ‘ ,
‘विविधताओं के रूपों को ‘, ‘समरस’ व ‘ एकता ‘ का ‘ प्रारूप बनाओ ‘,
‘रंग- बिरंगा भारत ‘, ‘ मत- विभिन्नता से’ ‘ कभी घबराता नहीं ‘,
‘हिंदुस्तानियत का रंग ‘ ,’ हर मजहब में ‘ ‘अपनी छटा बिखेरता है ‘ |