‘कोई मान दे या अपमान दे’ , ‘आनंद के आनंद का’ ‘ आनंद लो’ ,
‘सामने शत्रु /मित्र कोई भी हो’ , ‘गदगद रहो’ ,’ सम भाव से देखो उन्हें’
‘अल्लाह ‘ और ‘ भगवान ‘मे ‘फर्क’‘पुजा या इबाबत से’‘पैदा नहीं होता ‘,
‘इंसानियत का रंग ‘ ही ‘सभी मजहबों मे’ – ‘खुदा का रंग होता है’ ,
‘भगवा’ या ‘हरा रंग ‘ हो, ‘इंसानियत का नूर’ ‘ टपकता है हर जगह’ ,
‘इसकी मिट्टी की सुगंध में ‘, ‘सभी एकरस हो गए हैं ‘ –‘देखिये ‘
‘महक ही महक हो’ ‘ चारों तरफ संसार में ‘
‘हम जहां भी रहें’ ,’ मिठास ही मिठास हो ‘,
‘हर इंसान’- ‘प्रेम की गंगा बहता चले ‘,
‘सुख का बिरंवा ‘ ‘सींचता चले जमाने में