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‘जहां संतुष्टि है’ , ‘वहीं सब कुछ है’

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‘जहां  संतुष्टि  है’  , ‘वहीं  सब  कुछ  है’

‘जहां  संतुष्टि  नहीं’ , ‘करोड़ों  भी  कम  पड़ते हैं’ ,

‘परमात्मा  से’ ‘ कभी  शिकायत  मत  करो’ ‘

‘धन्यवाद  दो’ ,’ सब  कुछ  दिया  तूने   हमें’ |

 

‘यदि  तू’  ‘भगवान  की’ ‘ सच्ची  पुजा  करना  चाहता  है ‘,

तो ‘ खड़ा  हो ‘–‘वास्तव  मे  विपत्ति  मे  फंसे ‘ की ‘ मदद  कर  दे’ ,

‘किसी  को  भी’  ‘भला-बुरा  कहना’ , ‘मानव  की  फितरत  है’ ,

ऐसा  करके तू’ ,’अपने  सदगुणों  को’ ‘ घुण  लगा  बैठता   है ‘

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