{ 1 } जो श्री राधे से प्यार करेगा , श्री कृष्ण का हो जाएगा पगले ,
यह आभाष करा उसको ज़रा , जन्मों के पाप धूल जाएंगे तेरे |
{ 2 } ‘जब तक मन ‘ ‘ विषय- विकारों ‘ से ‘ त्रस्त है ‘ ,
‘निर्मल प्रभु का निवास ‘ ‘ हो ही नहीं सकता ‘ ,
‘तर्षणा की जड़े ‘ ‘कट गयी ‘ तो ‘गृहस्थी भी त्यागी है’ ,
‘मन के जीते जीत है ‘ ‘ मन के हारे हार सदा ‘ |
{3} ‘दौलत – कुटुम्ब’ ‘ हर कोई मांगे’ , ‘भक्ति – भजन न कोई ‘ ,
‘ज्ञान की ज्योति’ ‘ जला ले मन मैं ‘ , ‘ प्रभु से प्यार बढ़ा’ ,
‘तपते मन मे नाम का अमृत घोल ‘ , ‘अपनी प्यास बुझा ‘ ,
‘सुध – बुध खो कर प्रभु प्यार मे’ , ‘अपना विश्वास जगा |’
{ 4 } ‘भटके पथिक को राह दिखा ‘ , ‘ मानव धर्म निभा ‘ ,|
‘तू कभी भटका अगर’ , प्रभु ! ‘मंज़िल दिखा देंगे तुझे’ |