Home कविताएं मित्रो की कविता “दोस्त ” जाँ से प्यारा होता है ,’ संभाल कर रखना ‘|

“दोस्त ” जाँ से प्यारा होता है ,’ संभाल कर रखना ‘|

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‘मित्रता   की    भाषा    को   कलंकित    मत    करना    कभी ‘ ,

‘दोस्त’  ‘जाँ   से  प्यारा  होता  है’ , ‘संभाल  कर  रखना  सदा ‘ |

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