‘भारत मेरी मात्र -भूमि है’ , ‘राष्ट्र-गान ‘ तथा ‘ राष्ट्र-ध्वज ‘ का ‘ सम्मान’ ‘ हमारा कर्तव्य है’ ,
‘यदि सम्मान नहीं करेंगे’ तो ‘ स्वाभिमान गिरेगा ‘ ,’ बस पशु- तुल्य समझो खुद को ‘ ,
‘सभी अपनी समस्याओं से ग्रस्त हैं ‘,’राष्ट्रीय प्रतीकों का ‘ ‘सम्मान करते ही नहीं ‘ ,
‘राष्ट्र- गौरव’ , ‘राष्ट्र – स्वाभिमान ‘ ,’ राष्ट्रियता ‘ ‘क्या होती है ‘ , ‘भूल गए हैं हम सभी ‘ ?
‘नई पीढ़ी को’ ‘ राष्ट्र प्रतीकों का’ ‘ सम्मान करना सिखाना’ , ‘अपनी प्राथमिकता बनाओ ‘,
‘देश- भक्ति का जज़्बा ‘ ‘फूट-फूट कर भरो सब में ‘, ‘ क्रान्ति का रूप दो इसको ‘ ,
‘राष्ट्र धर्म क्या होता है’ और ‘ राष्ट्रीय – प्रतीक’ ‘ क्या होते है’ , ‘ याद ही नहीं रखते ‘ ?
‘जब ये अलख जग जाएगी ‘भारत-वासियों ‘ ! ‘भारत’- ‘दुनियाँ का सिरमौर कहाएगा ‘ |