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देश भक्ति कविता

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‘समाज  का  दर्पण’  ‘ भ्रष्टाचार  से सरोबार है ‘ , ‘चीख-चीख  कर बताता है ‘ ,

‘लोगों  का  स्वाभिमान’  ‘ समाप्त है’ , ‘भ्रत परंपराओं को  ढ़ोने लगे हैं  हम ‘ ,

’26  जनवरी ‘ , ‘ 15 अगस्त’  ,’ गांधी -जयंती ‘,’परंपरागत याद  भर करते  हैं’ ,

‘झण्डा लहराया’ , ‘भाषण हुए’ ,’ घर जा कर  भूल गए’-‘हम भारतवासी  हैं ‘ |

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