अतिक्रमण के कारण सड़कें तंग व खराब , खस्ता होती जा रही हैं ,
सड़कों पर भारी ज़ाम लगता है , पानी नलों से गायब ही हो गया है ,
अपराध देश में बढ़ते जा रहे है , नये से नए पाप उभरते जा रहे हैं ,
अत्याचार , बलात्कार , व्यभिचार , नित नए परचम लहराते हैं ,
दंगा-फसाद , प्रांतवाद , भाषावाद , जातिवाद , जड़ गहरी बनाए बैठे हैं ,
पूरे देश का अस्तित्व -न जाने किस दिशा में घूमा जा रहा है।,
घोटालों का साम्राज्य आज भी है जिससे जन जीवन अस्त-व्यस्त सा है ,
सरकारी उदघोष रोज़ होते हैं परंतु उनका पालन बड़ी मुस्किल से होता है ,
प्रधान मंत्री जी , देश को उन्नत करने की स्वप्न धरा रह जाएगा ,
कानून की गोली को असली जामा पहनाओ , लट्ठ घुमाओ तभी सुधारेगा ,
देश में इतनी गिरावट है , यदि देर लगी तो सुधारने में उम्र लग जाएगी |