हमारे देश में :-
[1]
” बड़े अस्पतालों में मरीज जाता है” ” परंतु कराहता हुआ लौटता है” ,
“जरूरत है या नहीं “,”शोषण करके जबर्दस्ती ऑपरेशन किए जाते हैं “,
“डाक्टरों को ऑपरेशन टारगेट दिये जाते हैं “,” सेवा भाव ज़ीरो है “,
“हैल्थ केयर देश का व्यापार है “,” इंसानियत धरातल में समाई है ”
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‘भ्रष्ट’ , ‘लापरवाह’ तथा ‘अक्षम स्वास्थ्य ‘ ‘व्यवस्था देश का दुर्भाग्य है ‘ ,
‘कई बार क्रूरता की हद पार कर जाते हैं ‘,’सरकारी सेवा फटेहाल है ‘, |
‘अस्पताल’,’डाकटर’ ,’लैब ‘ का ‘ नापाक गठबंधन’ ‘खून पीता है सबका’ ,
‘ अरबों रुपये की समान अर्थ व्यवस्था पर’ ‘ प्रहार क्यों नहीं होता ‘ ?
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“नेताओं से कुछ सीख लो “,” पूरा देश पी गए” “,चेहरे पर सिकन नहीं “,
“तारे तोड़ कर लाने की बात करते हैं “, “जन्मजात बेहरे बने रहते हैं “,
“क्या मजाल” ! “कानून कुछ बिगड़ दे उनका”,”धता बताते हैं उसे ” ,
“ऐ खुदा” ! ” उनको नियत में बरकत फरमा” ,” देशवासी जी जाएंगे “|
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‘ प्रबंध ‘ और ‘ प्रशासन ” सांठगांठ करके हथेली चिकनी कर लेते हैं’ ,
‘डरा कर लूट-खसूट करते हैं’,’ बाँट कर खाते हैं’ ‘,सेवाभाव गया भाड़ में ‘,
”पराया धन मिट्टी है’ ‘गीता और गुरवाणी’ की ‘ वाणी पर विश्राम है’ ,
‘बेईमानी ऐसा दीमक है’ ‘जो देश की नैतिकता को खा रहा है रातदिन’ |
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हमारे देश में ;-
‘लोगों को महापुरुषों के त्यागमय जीवन चरित्रों से अवगत नहीं कराते ‘,
“जैसे विषैला कीड़ा”- “इंसान के पूरे खून को खराब होने का संकेत होता है” ,
“संसद में जाने हेतु ‘धनबल’,’बाहुबल का प्रयोग” बेहूदगी की पराकाष्ठा है’ ,
‘सांसद अनैतिक घटनाओं से दुःखी नहीं होते’,’उनपर दुष्प्रभाव नहीं पड़ता’ ,
‘वे पद-प्रातिष्ठा बेच देते हैं’,’कल देशको भी बेच दे’ तो ‘आश्चर्य नहीं कुछ भी’ ,
‘जनता ने विश्वास से जिन्हें सांसद बनाया’,’भरोसा किया’,’वो गद्दार निकले’ |