‘मेरे देश वासियों ‘ ! ‘ मोदी ‘, ‘योगी ‘ की ‘श्रंखला को बढ़ाना होगा ‘ ,
‘कर्मफल का स्वाद ‘ ‘हर नागरिक को’ ‘ जबर्दस्ती सीखना होगा ‘,
‘हमारी सोच’ ‘सिर्फ कचरा सरीखी है ‘ , ‘हर वर्ग कुप्रभावित है ‘ ,
‘देश द्रोही को ‘ ‘सरे आम तुरंत सज़ा ही ‘ ,’ इसका इलाज़ है ‘ ,
‘अधिकतर पापी ”पके सांड और चिकने घड़े मानिंद ‘ ‘बने बैठे हैं ‘,
‘ज़रूरत है समझदार’ , ‘निर्भीक’ ‘सुल्तानों की ‘,’जो मरने से न डरें ‘ ,
‘देश हित में’ ‘कठोर फैसले करवा कर ‘, ‘तुरंत कार्यवाही करवाएँ ‘ ,
‘आओ आगे बढ़ें ‘ और ‘ कर्मकारियों की फौज से ‘ ‘देश को नवाजें ‘ |