[1]
“अधार्मिक तथा दुष्टजनों की संगति “, “अधोगति में धकेल देती है “,
“सबसे दया और नम्रता का बर्ताव “,”प्रभु की उपासना समझ कर कर” |
[2]
“आप दौलत पा लो “, “प्रतिष्ठा पा लो” ,”सारे अधिकार पा लो “
“रंगीनियाँ पा लो” ,” चाहे संसार की सारी उपलब्धियां पा लो ” ,
“जब तक भावों की अभिव्यक्ति में” “नम्रता और स्नेह नहीं होगा “,
“आनंद से परिचित नहीं हो सकते “,”अपूर्ण जीवन जिओगे सदा “|
[3]
‘मंदिर’,’ मस्जिद’ ,’ गिरजा’ या ‘ गुरुद्वारा’,’कहीं भी दर्शन कर ‘,
‘सिर्फ इंसानियत की भीख माँगेगा’ तो ‘ शायद तर जाएगा ‘ |
[4]
“यूं मुस्करा कर तुमने “, “मेरी मुस्किलों को रफू कर दिया “,
“खुदा से दरख्वास्त है मुस्कराते रहो यूं ही”,”जी जाएंगे हम भी “|
[5]
“दिलों में जगह न हथियार से “,” न अधिकार से मिलती है “,
“अगर तू व्यवहार का हीरा है “, ” सभी अपने हो जाएंगे तेरे ” |
[6]
“राम नवमी है राम के गुण”,” जीवन कें उतारने की कोशिश करो” ,
“अंदर से दुःशासन को ध्वस्थ करो “, “कंठ तक डूबा पड़ा है तू ” |
[7]
“हम नकली राम लीला करके”,” चौड़े होते जा रहे हैं रात दिन ” ,
“राम गुण ज़रा भी जीवन में उतार लेते “, “क्या बिगड़ जाता ” ?
[8]
“अगर इज्जत से नवाजोगे सबको” ,” इंसानियत का तबका मिल जाएगा तुझको “,
“सभी को शक के दायरे में रक्खोगे ” तो ” मक्खियाँ ही भिनभिनायेंगी तुझ पर ” |
[9]
“हर कदम पर जिंदगी इंतिहान लेती है” ,” नम्बर नहीं मिलते कभी” ,
“जब लोग दिल में जगह देने लगें”,” खुद को पास हुआ समझ लेना ” |
[10]
“मौत तो निश्चित है “,” मिलजुल कर क्यों नहीं जीता कोई ” ?
“तकदीर से ज्यादा ” और” समय से पहले कुछ नहीं मिलता ” |
[11]
“इंसान बन कर जी “,” इंसानियत के काम कर ,किसी के काम आ “,
“मंदिर/मस्जिद में क्यों भटकता है”,”अपनी इबाबत को कबूल समझ” |