Home कविताएं “दिल के कुछ भाव जो हम सब के करीब हैं ” “10 छंद “|

“दिल के कुछ भाव जो हम सब के करीब हैं ” “10 छंद “|

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[1]

जो कुछ आपके पास है” ,” उसमें से दुनियाँ को सर्वोत्तम प्रदान करो ” ,
“यह निर्विवादित सत्या है “,” सर्वोत्तम से सर्वोत्तम ही मिलेगा आपको “|

[2]

हंसने हंसाने के मौके हाथ से मत जाने दो कभी” ,
“न जाने किस मोड पर जिंदगी धोखा दे जाए तुझे ” |

[3]

लोगों को हराने का प्रयास क्यों ” “और दिल जीतने का प्रयास क्यों नहीं” ?
“मुक़ाबले के बजाय सहयोग पर ध्यान दो “,” जीवन आनंदमय हो जाएगा ” |

[4]

“सुख-दुःख तू ही देता है “,” फिर फरियाद करने और कहाँ जाऊँ ” ?
“जिस हाल में तू रखता है – सन्तुष्ट हूँ “, “कोई शिकायत नहीं ” |

[5]

“दाता बड़े दयालु हैं “, “आँखों में आंसूँ आने ही नहीं देते” ,
“मेरे दर्द को जान जाते हैं “, ” उनको उभरने ही नहीं देते”, 
“कई बार टूटते-टूटते बचा हूँ “, “बिखरने से बचा लेते है ” ,
“‘वो’ तो दया के भंडार हैं “,” मेरे रक्षक हैं”, पालनहार हैं “|

[6]

“‘गरूर’ मत देना कभी मुझको प्रभु” , “नन्हा सा बालक हूँ तेरा” ,
“हर कोई दिल मे जगह दे दे” ,” ऐसी बयार बहने लगे केवल ” |

[7]

‘खामोशी ‘ बिना बताए अपना असर ‘ ‘बेहतर तरीके से डालती है’ ,
‘अक्सर देखा है ज्यादा बोलने से’ ,’ लोग आपस में रूठ जाते हैं “|

[8]

“अरे कान्हा” ! ” आईने में जब भी मैं अपना अक्स देखती हूँ ” ,
“तेरा ही सलोना मुखड़ा नज़र आता है ” , ” मैं वहाँ गायब ” |

[9]

“चाहे मान हो या अपमान हो’,’सुख या दुःख हो’ , ‘लाभ या हानि हो ‘,
‘प्रभु ऐसी कृपा कर दो ‘, ‘आपका प्रसाद सदा आनंद से मिलता रहे ‘,
“जिंदगी की कोई शिकायत न करूँ ‘,”धन्यवाद का भाव जागता रहे” ,
“सुकर्म करता रहूँ ‘, ‘ किसी के काम आता रहूँ बिना लालच किए ‘|

[10]

“बच्चों को खुश हाल बनाने में ” “सब कुछ दांव पर लगा दिया बुजुर्गों ने “,
“बच्चे समझते हैं ‘ ‘उम्र का तगाजा है ‘,’ झुर्रियां आ गयी तो क्या हुआ ” ?

 

 

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