Home कविताएं धार्मिक कविताएँ तूने’ ‘ भगवान के स्वरूप बदल डाले’ , ‘गुरु बदल डाले’ ,’ धर्म भी बदला

तूने’ ‘ भगवान के स्वरूप बदल डाले’ , ‘गुरु बदल डाले’ ,’ धर्म भी बदला

0 second read
0
0
1,079

‘तूने’ ‘ भगवान के स्वरूप बदल डाले’ , ‘गुरु बदल डाले’ ,’ धर्म भी बदला’ ,
‘कभी नहीं सोचा’ ‘रोज़ गलत काम करता हूँ’ ,’खुद को भी बदल डालूँ ‘,
‘गजब की फितरत है आपकी जनाब’ ,’सरेआम खुद को कत्ल करते हो’ ,
‘दया धर्म’ ‘कुछ भी नहीं’ ‘ तेरे वजूद मे’ , ‘कब इन्सान बनेगा तू’,’ये तो बता’ |,

Load More Related Articles
Load More By Tara Chand Kansal
Load More In धार्मिक कविताएँ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धकेल देगा

‘कामयाबी पर गुमान’ , ‘शेर-दिल ‘ को भी ‘गुमनामी मे ‘ धक…