? ऊपर जाने पर एक
?सवाल ये भी पुछा जायेगा की अपनी अँगुलियों के नाम बताओ,
?जवाब:-
अपने हाथ की छोटी अगुली से शुरू करें
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
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? ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी
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5 जगह हंसना करोड़ो पाप के बराबर है?
1.शमशान में
2.अर्थी के पीछे
3.शौक में
4.मन्दिर में
5.कथा में
✳सिर्फ एक बार बताओ , बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।
?अकेले हो?
? परमात्मा को याद करो
?परेशान हो?
? ग्रँथ पढ़ो.
? उदास हो?
?कथाए पढो.
? टेन्शन मे हो?
? भगवत गीता पढो.
♥फ्री हो?
? प्रकृति का आनंद लो | लोगों को गुदगुदाओ मगर ज़िंदादिली से |
? हे परमात्मा ! हम पर और समस्त प्राणीयो पर कृपा करो……
?
?सूचना
?
क्या आप जानते हैं ?
हिन्दु ग्रँथ रामायण,गीता,आदि को सुनने,पढ़ने से केन्सर नहीं होता है बल्कि केन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।
?व्रत,ऊपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द ओर बाल गिरने से बचाव होता है।
?आरती—-के दौरान ताली बजाने से दिल मजबूत होता है,
?श्रीमद भगवत गीता पूराण ओर रामायण कुछ समय जरूर पढ़ें |
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?”कैन्सर”
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?एक खतरनाक बिमारी है…
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं …
बहुत मामुली ईलाज करके इस बिमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है …
?अक्सर लोग खाना खाने के बाद “पानी” पी लेते है …
खाना खाने के बाद “पानी” ख़ून में मौजूद “कैन्सर “का अणू बनने वाले ”’सैल्स”’को ”’आक्सीजन”’ पैदा करता है…
? ”हिन्दु ग्रँथो मे बताया गया है की…
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?खाने से पहले’पानी’पीना ”” अम्रत”है…
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?खाने के बीच मे ‘पानी ‘ पीना शरीर की
”पूजा” है…
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?खाना खत्म होने से पहले ‘पानी’ ”पीना औषधी” है…
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?खाने के बाद ‘पानी’ पीना” बिमारीयो का घर हैं…
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?बेहतर हे खाना खत्म होने के कुछ देर बाद ‘पानी’पीये…
ये बात उनको भी बतायें जो आपको “जान”से भी ज्यादा प्यारे है…
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जय श्री राम
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?रोज एक सेब
डाक्टर के पास जाने से बचोगे |
?रोज पांच बदाम,
कैन्सर से बचे रहोगे |
?रोज एक निबु,
पेट नहीं बढ़ेगा |
?रोज एक गिलास दूध,
(कद का छोटा नहीं होगा , अर्थात लंबा होने का सरल नुस्खा )
?रोज 12 गिलास पानी,
चेहेरे की कोई समस्या खड़ी नहीं होगी , सदा ताजगी रहेगी |
?रोज चार काजू,
भूख सही लगने लगेगी |.
?रोज मन्दिर जाऔ,
किसी भी प्रकार की टेंशन नहीं होगी |
?रोज कथा सूनोगे तो मन को शान्ति मिलेगी ।।
?“चेहरे के लिए ताजा पानी”
?“मन के लिए गीता की बाते”
?“सेहत के लिए योग”
? ओर खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो
?अच्छी बाते फैलाना पूण्य है .किस्मत मे
करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती है.
जीवन के अंतीम दिनो मे इन्सान इक इक पून्य के लिए तरसेगा
.उपरयुक्त बातें जो समझ गया तो बेड़ा पर हो जाएगा अगर
नहीं समझे तो किस्मत के अनाड़ी हो तुम |