‘संग्रह ‘ करनेवाला ‘ कभी संसार मे’ ‘शांति प्राप्त नहीं करता’
”संचित करो’, ‘प्रभु का पात्र बन कर,’ ‘उसकी कृपा’ केवल ,
‘अंधेरे को मिटाते चलो’, ‘प्रभु की’ ‘दया का भंडार ‘ पाते रहो ,
‘प्रकाश का उत्सव’ मनाओ , ‘ज्ञान के प्रकाश’ का ‘परचम लहराओ ‘ |
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[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…
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शुद्ध सुविचार जीवन के आधार हैं , जरा सोचें
जरा सोचो ‘हवा में लट्ठ’ बहुत चला लिया, कुछ ‘काम की बात’ भी करो,… -
*विश्व का सबसे बड़ा व ‘ वैज्ञानिक समय गणना तंत्र ‘ हमारे ऋषि द्वारा प्रतिपादित*
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‘राधे’ का नाम ‘शक्ति’, ‘कृष्ण’ का नाम ‘भक्ति’ है, राह ‘सुमरण’ की पकड़ |
[1] जरा सोचो ‘दूसरों’ को सुनना , समझना , और सम्मान देना, ‘आदत’… -
“सोच सोच का अंतर है , जैसा सोचोगे वैसा ही पाओगे ‘|
[1] ‘न ऐब है मुझमें न कोई फरेब है ‘, ‘सामान्य प्राणी हूँ ‘… -
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