Home ज़रा सोचो “जो समझ गया वो सुविचारी है , जो नहीं समझे कृपा करना प्रभू सब पर ‘ |

“जो समझ गया वो सुविचारी है , जो नहीं समझे कृपा करना प्रभू सब पर ‘ |

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[1]

‘दाता ! सबको  शक्ति, सामर्थ्य, अमन  और  भाईचारे  की  भावना  प्रदान  करो,
‘नफरत , लालसा , खुदगर्जी ,  के  मातम  से  बचें ‘  बस  इतनी  तमन्ना  है ‘ !

[2]

‘ उन  पहलुओं  पर  ध्यान  दो  जो ,  ‘ ऊंचा  मुकाम  प्रदान  करते  हैं,
‘प्रेम’  ‘दया’ और ‘सहानुभूति’ का  आधार ‘जीवन  को  निखार  देता  है’ !

[3]

‘ जो  ‘ निरंकार ‘  के  रंग  में  रंग  कर  ,  हमेशा  एक  रस  रहते  हैं,
‘उनके भाव  शुकराने  के  होते  हैं ,’उनकी जीवन यात्रा  सहज  हो  जाती  है’ !

[4]

‘संकीर्ण  विचार  वाले’  किसी  के  सद्गुणों  की  तारीफ  नहीं  कर  पाते,
‘वहां  रिश्ते, फलते  फूलते  नहीं, ‘संबंधों  में  मोटी  दीवार  घड़ी  मिलती  है’ !

[5]

‘बुरे  लोगों  से  नहीं , ‘ बुरे  कामों  से  बच  कर  रहो,
‘कभी  उदास  मत  होना,कुछ  असंभव  नहीं  होता’ !

[6]

‘निर्दयी  मत  बनो ,’सभी  के  सहायक  बनने  का  प्रयास  करो,
‘न  जाने  कौन  किस  मोड़  पर, ‘तुम्हारा  सहायक  बन  जाए’ !

[7]

‘तरक्की  करने  का ,आगे  बढ़ने  का, ‘मेहनत’ ही  एकमात्र  ‘गुरु  मंत्र’  है,
‘याद  रखना, ‘कोई  काम  छोटा  या  बड़ा  नहीं  होता, ‘काम  तो  काम  है’ !

[8]

‘खुद  को  महान , उदार , काबिल , समझने  से  कुछ  नहीं  होगा,
‘लोगों  के  मन  में  आपकी  कैसी  छवि  है , ‘यही  भेद  खोलेगी’ !

[9]

‘उदार  मन  की  कद्र  कीजिए,’दूसरों  की  प्रशंसा  में  कंजूसी  उचित  नहीं,
‘ आपकी  उदारता  भी , ‘ लाभान्वित  किए  बिना  रुक  नहीं  सकती ‘ !

 

 

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