एक प्रेरक प्रसंग :-
रात के दो बजे थे ।
एक श्रीमंत को नींद नहीं आ रही थी ।चाय पी , सिगरेट पी, घर में कई चक्कर लगाये पर चैन नहीं पड़ा ।
आखिर मैं थक कर नीचे आया , कार निकाली और शहर की सड़कों पर निकल गया । रास्ते में एक मंदिर दिखा , सोचा थोड़ी देर इस मंदिर में भगवान के पास बैठता हूं , प्रार्थना करता हूं तो शायद शांति मिल जाये ।
वह आदमी मंदिर के अंदर गया तो देखा, एक दूसरा आदमी भगवान की मूर्ति के सामने बैठा था , उदास चेहरा , आंखों में करूणता ।
श्रीमंत ने पूछा ” क्यों भाई इतनी रात को ?”
आदमी ने कहा ” मेरी पत्नी अस्पताल में है , सुबह यदि उनका आपरेशन नहीं हुआ तो मर जायेगी और मेरे पास आपरेशन का पैसा नहीं है ” ।
इस श्रीमंत ने पोकट में जीतने रूपए थे उसको दे दिये। गरीब आदमी के चहरे पे चमक आ गयी ।
श्रीमंत ने कार्ड दिया और कहा इसमें फोन नं. और पता भी है और जरूरत हो तो निसंकोच बताना ।
उस गरीब आदमी ने कार्ड वापिस दिया और कहा ” मेरे पास एड्रेस है ” इस एड्रेस की जरूरत नहीं है सेठजी ।
आश्चर्य से श्रीमंत ने कहा ” किसका एड्रेस है ?” उस गरीब आदमी ने कहा : ” जिसने रात को साढ़े तीन बजे आपको यहां भेजा ,
उसका “
दोस्तों ! “जब प्रभु किसी को कुछ देते हैं तो छप्पर फाड़ कर भी दे देते हैं ” |