{1}
” कैरियर ” का ” महल ” कभी ” हवा ” में नहीं बनता ,
वह”जीवन-शैली” की”मजबूत बुनियाद” पर ‘खड़ा” होता है |
“शुरुआती पड़ाव” “आगामी जीवन” में “मिल” का “पत्थर” बनते हैं |
“हम जो बोते हैं” ,”वही काटते ” हैं ,”कहावत” “स्वंम” में “आधार” है |
{2}
“अपने” अंदर ” झांक” कर देख ,अगर “शुद्ध” है तो “भगवान” “नज़र” आ जाएंगे ,”सेवा-भाव” व” स्मरण “में ” मग्न ” हो गए,” संकीर्तन” किया, तो “मिल “जाएंगे |”मन”, ” वाणी ” ,”क्रिया”, ” नेत्रों ” से यदि , “संसार” में “अपराध” करते रहे तो ,” भगवान ” से ” विमुख ” हो जाओगे , “बाहरी” व ” गहरी खाई ” में ‘चले” जाओगे |
{3}
“ज्ञान” वह “धन” है , चाहे ” किसी से ” भी ले लो ,कभी “वापस” नहीं देना पड़ता,
” अज्ञान ” के “अंधकार ” मिटाने के लिए “, ज्ञान-दीप ” ” जलाना ” ही चाहिए |”
ध्यान रहे अच्छे गुण” ” जहां ” से मिले “,ग्रहण ” करने मे ” देरी ” मत करो | “
“समय -सीमा ” में ” कार्य ” करने से ,” सफलता ” के “द्वार” पर “ताला”नहीं लगता |