Home कोट्स Success Quotes ‘जो गिर -गिर कर संभलते हैं ‘, ‘बुलिन्दियों को छूते जरूर हैं ‘ |

‘जो गिर -गिर कर संभलते हैं ‘, ‘बुलिन्दियों को छूते जरूर हैं ‘ |

0 second read
0
0
1,021

‘कैरियर’  और ‘रोजगार’  ‘हर  नज़र  का  इरादा  व  जनूनी  ख्वाब   है’  ,

जहां  ‘आत्मबल’ और ‘आत्मविश्वास ‘ ‘जैसे संबल  जहां  में  तैरते  हों ‘,

‘वो’ ,’परेशानियों  के  झंझट  को  झंझोड़ते  हैं ‘,’कर्मयोगी   बने रहते  है’ ,

‘वो ‘,’ गिर-गिर  कर  संभल  जाते  हैं ‘,’बुलिन्दियों   को  छूते  हैं  जरूर ‘ |

Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In Success Quotes

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…