‘कैरियर’ और ‘रोजगार’ ‘हर नज़र का इरादा व जनूनी ख्वाब है’ ,
जहां ‘आत्मबल’ और ‘आत्मविश्वास ‘ ‘जैसे संबल जहां में तैरते हों ‘,
‘वो’ ,’परेशानियों के झंझट को झंझोड़ते हैं ‘,’कर्मयोगी बने रहते है’ ,
‘वो ‘,’ गिर-गिर कर संभल जाते हैं ‘,’बुलिन्दियों को छूते हैं जरूर ‘ |