Home कविताएं प्रेरणादायक कविता ‘जो उलझनों से ड़र गया ‘, ‘मर गया समझो उसे ‘ ‘|

‘जो उलझनों से ड़र गया ‘, ‘मर गया समझो उसे ‘ ‘|

0 second read
0
0
1,071

‘जो   उलझनों    से   ड़र    गया ‘ , ‘उसे    मर    गया    समझो ‘  ,

‘जो ‘,’ तूफानी  हिम्मत   रख   आगे  बढ़ा’ ,’ वो  ही  सिकंदर   है ‘ |

Load More Related Articles
Load More By Tarachand Kansal
Load More In प्रेरणादायक कविता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

[1] जरा सोचोकुछ ही ‘प्राणी’ हैं जो सबका ‘ख्याल’ करके चलते हैं,अनेक…