Home Uncategorized ‘ जीवन में सुख-दुःख, हानि-लाभ, गर्मी-सर्दी ‘ सभी पधारेंगे, पारंगत हो कर जियो |

‘ जीवन में सुख-दुःख, हानि-लाभ, गर्मी-सर्दी ‘ सभी पधारेंगे, पारंगत हो कर जियो |

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[1]

जरा सोचो
‘जीवन यात्रा’ में सुख-दुख, हानि- लाभ,गर्मी-सर्दी, सभी पधारेंगे,
‘सबको’ मुस्कुराते  रहने  की ‘कला  में  पारंगत’  होना  चाहिए’ !

[2]

जरा सोचो
‘घमंड  की  मुंडी’ एक  दिन  ‘टूट’ जाती  है, कोई ‘सो’ नहीं पाता,
‘राम के वंशज’ हो, ‘शालीनता  की ओढ़नी’ ‘ओढ़’ लेनी  चाहिए ” |

[3]

जरा सोचो
‘भावना  के  रथ’ पर  सवार ,  इधर-उधर  होते  रहे,
वह ‘प्रभाव’ डालते रहे, हम ‘समभाव’ में जीते गए’ !

[4]

जरा सोचो
सदा ‘दूसरों  के  लिए’ सोचा, खुद  को ‘नजर-अंदाज’ करता  रहा,
‘बुढ़ापे में ‘ध्यान’ आया तो, ‘तनाव और चिंता’ सिर पर सवार थे !

[5]

जरा सोचो
यदि कोई तुम्हें ‘नष्ट’ करने की ‘साजिश’ करने लगे,
‘ समझ’  लेना  तुम ‘बेशकीमती  हीरे’  सरीखे  हो’ !

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जरा सोचो
‘बताओ  या  मत  बताओ’ हमें ‘भूल’ कर ‘दर्द’ तो  हुआ  होगा,
‘आंख’ भी ‘भीगी’ होगी, ‘अच्छी नींद’ के जमाने ‘लद’ गए होंगे’ !

[7]

जरा सोचो
कौन  कहता  है ? ‘दौलत’  या  ‘कीमती  सामान’ भेंट  करना  ही ‘भेंट’ है,
‘किसी की इज्जत करना, परवाह करना,स्नेह बांटना, भी ‘भेंट स्वरूप है 

[8]

मेरा विचार
‘खाली मन शैतान का अड्डा’ सही कहावत है ! ‘खाली व्यक्ति’ सबसे ज्यादा दुखी पाए जाते हैं !
सदा  व्यस्त  रह  कर  डर ,पछतावा, और  नफरत ,  के  बीजों  को  नाश्ताबूद  करते  रहो    |
[9]
   जरा सोचो
‘दुख’ के पश्चात ‘सुख’ आता जरूर है, सिर्फ ‘धैर्य’ चाहिए,
,साहस और सत्कर्म’ साथ जुड़ जाएं, तो सोने पर सुहागा है’ !
[10]
जरा सोचो
‘मुश्किल में सहारा’ बन जाना, ‘खूबसूरत’ बात है सबके लिए,
‘कुछ उनकी सुनो, कुछ अपनी कहो, ‘सहयोगी’ बनकर जियो !
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