Home कोट्स Motivational Quotes ‘जीवन में ‘आनंदमय छणों’ का प्रवेश ‘कटुताएं’ मिटा देगा ,कुछ खूबसूरत छंद | जरा सोचें ?

‘जीवन में ‘आनंदमय छणों’ का प्रवेश ‘कटुताएं’ मिटा देगा ,कुछ खूबसूरत छंद | जरा सोचें ?

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जरा सोचो
बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें , आजकल ,’हवा’ बड़ी जहरीली है,
‘ पडौस ‘ से  भी  गुजरी  तो  भी  ‘ बेनिहाल ‘  करके  दम  लेगी  ,
तुम ‘सलामत’  रहो , ‘जिंदगी’ नेमत  है , संभाल  कर  रखिए ,
घर  में  दिल  बहलाने  के ‘अनेकों  फसाने ‘  हैं, सिर्फ  तसल्ली  चाहिए !
[2]
जरा सोचो
‘जीवन’  मन  के  अनुसार  नहीं  होता,’बनाने  का  प्रयास’  जारी  रख,
‘आनंदमय  क्षणों’  का  उसमें  प्रवेश ,  सारी  ‘ कटुतायें ‘  उड़ा  देगा  !
[3]
जरा सोचो
‘टांग’  खींचने  वालों  की  कमी  नहीं, ‘सफलता  की  सीढ़ियां’ फिर  भी  चढो,
‘चढ’  गए  तो  बल्ले  बल्ले ,’ रह ‘  गए  तो  पुनः  ‘ प्रयास ‘  ही  उत्तम  विधा !
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जरा सोचो
जाति , धर्म , संप्रदाय , ‘ गौण ‘  समझ  कर  ही  जिएं ,
‘संकीर्णता’ की  श्रेणी  से  उभरें, तभी  ‘उज्जवल  भविष्य’ की  गारंटी  है !
[5]
जरा सोचो
‘उदासी’  कभी  किसी  की  नहीं  हुई, ‘जिंदा  दिल’  भी  ‘मरे  दिल’  से  लगते  हैं,
‘खुशियां’   बांटनी   शुरु   तो   करो  , तेरे   दर  पर  भी  ‘दस्तक’  जरूर  दे  देंगी  !
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जरा सोचो
माना  ‘रिश्तों  का  अहसास’  मर  गया  है, ‘दुनियां’  बेगानी  सी  है,
‘कुछ  ऐसा  करो’ जब  ‘दुनियां’  खिलाफ  हो, ‘कोई  तो  साथ  हो  तेरे’ !
[7]
जरा सोचो
‘सोने  की  सीढ़ी’  पर  चढ, चाहे  ‘हीरों  का  शहंशाह’  बन,
‘अन्त  समय’- ‘मुट्ठी  भर  राख’  की  औकात  है  तेरी  !
[8]
जरा सोचो
हमारे  कर्म, व्यवहार  और  सोच, ‘सच्चे  सहचरी’  ही  मिलते  हैं,
इन्हें  ‘तिलांजलि’  देकर  ‘कायदे- आजम’ बनने  की ‘कोशिश’  न  कर !
[9]
जरा सोचो
‘नाम’ के आगे ‘जी’ और ‘रोटी’ पर ‘घी’ लगाने का ‘आनंद’ ही कुछ और है,
‘ अतिथि ‘ ‘ मन – मुग्ध ‘  रहता  है, ‘स्नेह  की  वर्षा’  कभी  रुकती  नहीं !
[10]
जरा सोचो
‘अपनों’  के  लिए  ‘दिल’  ,’हथेली’  पर  रख  दिया,
सुनने  को  मिला, क्या किया  है आज  तक  तुमने ?
करने  वालों  की  ‘तकदीर’  में  ‘थपेडे  ही  थपेड़े’  हैं,
फिर  भी  ‘कर्मकार’  बनकर  जीना  ही  सदा  उत्तम !
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