Home कविताएं “जीवन के विरोधावास समझना भी जरूरी है ‘|

“जीवन के विरोधावास समझना भी जरूरी है ‘|

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[1]

‘इंसान की हिम्मत हो’ , ‘जुनून हो’ और ‘मेहनत करने का माद्दा हो ,’
‘ऐसा कोई  लक्ष  नहीं  हुआ ” जो कभी  हासिल किया  न  जा  सके ,’
‘जुझारू प्राणी अपना लक्ष्य तय करके चैन की सांस नहीं लेते कभी ‘,
‘स्वम तय करो तुम किस श्रेणी में आते हो’ ‘ फिर आगे बढ़ते रहो ‘|

[2]

‘खुद की शेख़ी बघारना’और ‘राम बनने का स्वांग’विरोधावासी हैं ‘,
‘घर्णित कार्य  करने से  नहीं  थकते’ ,’गजब  दोमुखा  चढ़ाये  हो ‘|

[3]

‘माना  तुम्हें  फुर्सत  नहीं  कुछ  भी’ ‘हमारा  ख्याल  करने  की’ , 
‘हम हैं की हर घड़ी यादों में खोये रहते हैं’ ‘अब क्या करें तू ही बता’ |

]4]

आज  हमारी  प्यास  का  अंदाज़  अलग  है’
‘कभी  समंदर  को  ठुकरा  देते  हैं  तो 
‘कभी  आंसूँ  तक  पी  जाते  हैं ‘|

[5]

‘बूढ़े  माँ – बाप  की  अवहेलना  स्वम  पर  अविश्वास  का  प्रतीक  है ‘,
‘उनके ज्ञान और अनुभव का  सदुपयोग करो ‘,’ सेवा  भाव जगाओ ‘,
उन्हें उपेक्षित महसूस कराना’,’संवाद का सिलसिला जारी न रखना ‘,
‘किसी दिन तुझे झुलसा देगा’ ,’ ठगा सा  महसूस  करोगे  एक  दिन ‘|

[6]

‘अगर  वो  आपको  याद  नहीं  करते’ ,
‘आप  याद  कर  लीजिये,’
‘रिस्ते  निभाते  वक्त  मुक़ाबला  नहीं’ ,
‘अहसास  काम  करता  है ‘|

[7]

‘ज़िम्मेदारी  से  जल्दी  ही  रूबरू  हो  गए’ ‘अच्छा हुआ’ , 
‘कितनों की उम्र ढल जाती है’ ‘इस बात को समझने में’ |

[8]

‘आँधियाँ  चली  बिजलियाँ  गिरी  पर’, 
‘हमारे  हौसले  बुलंद  थे’,
‘खड़े  रहे  गिरे  नहीं”जंग  करते  रहे’,
‘कभी  हार  कर  भागे  नहीं ‘|

[9]

‘हंस   बोल  कर  मुस्करा  कर  जिंदगी  गुजार दी जिसने’ , 
‘वो  इंसान सही सोने का सिक्का  है’ ‘आजमा लेना कभी’ |

 

 

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