[1]
‘इंसान की हिम्मत हो’ , ‘जुनून हो’ और ‘मेहनत करने का माद्दा हो ,’
‘ऐसा कोई लक्ष नहीं हुआ ” जो कभी हासिल किया न जा सके ,’
‘जुझारू प्राणी अपना लक्ष्य तय करके चैन की सांस नहीं लेते कभी ‘,
‘स्वम तय करो तुम किस श्रेणी में आते हो’ ‘ फिर आगे बढ़ते रहो ‘|
[2]
‘खुद की शेख़ी बघारना’और ‘राम बनने का स्वांग’विरोधावासी हैं ‘,
‘घर्णित कार्य करने से नहीं थकते’ ,’गजब दोमुखा चढ़ाये हो ‘|
[3]
‘माना तुम्हें फुर्सत नहीं कुछ भी’ ‘हमारा ख्याल करने की’ ,
‘हम हैं की हर घड़ी यादों में खोये रहते हैं’ ‘अब क्या करें तू ही बता’ |
]4]
आज हमारी प्यास का अंदाज़ अलग है’
‘कभी समंदर को ठुकरा देते हैं तो
‘कभी आंसूँ तक पी जाते हैं ‘|
[5]
‘बूढ़े माँ – बाप की अवहेलना स्वम पर अविश्वास का प्रतीक है ‘,
‘उनके ज्ञान और अनुभव का सदुपयोग करो ‘,’ सेवा भाव जगाओ ‘,
उन्हें उपेक्षित महसूस कराना’,’संवाद का सिलसिला जारी न रखना ‘,
‘किसी दिन तुझे झुलसा देगा’ ,’ ठगा सा महसूस करोगे एक दिन ‘|
[6]
‘अगर वो आपको याद नहीं करते’ ,
‘आप याद कर लीजिये,’
‘रिस्ते निभाते वक्त मुक़ाबला नहीं’ ,
‘अहसास काम करता है ‘|
[7]
‘ज़िम्मेदारी से जल्दी ही रूबरू हो गए’ ‘अच्छा हुआ’ ,
‘कितनों की उम्र ढल जाती है’ ‘इस बात को समझने में’ |
[8]
‘आँधियाँ चली बिजलियाँ गिरी पर’,
‘हमारे हौसले बुलंद थे’,
‘खड़े रहे गिरे नहीं”जंग करते रहे’,
‘कभी हार कर भागे नहीं ‘|
[9]
‘हंस बोल कर मुस्करा कर जिंदगी गुजार दी जिसने’ ,
‘वो इंसान सही सोने का सिक्का है’ ‘आजमा लेना कभी’ |