‘पदार्थों में सुख केवल भ्रम है , लालसाओं का सफर मात्र है ‘,
‘एक सुख दूसरे सुख को उकसा कर ,स्वम समाप्त हो जाता है ‘|
[2]
“जिस तन,मन,धन, पर सुख टिके हैं सभी परिवर्तनशील हैं ‘,
‘तन आज स्वस्थ कल रोगी ,कभी शांत तो कभी बेचैन होता है ‘|
[3]
‘अपने अंदर शिष्यपन नहीं ला पाये , गुरु ढूँढने चल पड़े ‘,
‘अपने अंदर जिज्ञासा जाग्रत कर ,गुरु भी मिल जाएगा ‘|
[4]
‘धड़कनें दोस्तों में धड़कती हैं , दिलोजान से न्योछावर रहते हैं ‘,
‘स्नेह की गंगा बहाते हैं , साथ रहना जरूरी नहीं होता ‘|
[5]
‘झूठे लोग खुद की छवि प्रदर्शित करने में लगे रहते हैं ‘,
‘सही आदमी इसकी परवाह नहीं करते , फौरन समझ जाते हैं ‘|
[6]
” पैसा यारों का यार है’ ‘ असली रिस्तेदार है’ ‘आज की हक़ीक़त है’ ,
‘खुदगर्जी के रिस्ते है सभी’ ,’खाली बैठ कर दिखा’,’ लात मार देंगे सभी’ |
[7]
‘ तुमने तो मुहब्बत के जलवे बिखेर दिये अपने ‘,
‘सामने वाला अगर पत्थर हुआ निकला तो क्या होगा’ ,
‘पारखी दिल और ‘परखी आँखें’ ‘बना कर आगे बढ़ो’ ,
‘न जाने ‘ कब ‘ ‘कहाँ’ ‘कौन’ सा मौसम बदल जाए ‘|
[8]
‘सभी इससे , उससे , सबसे ‘ कुछ फायदा उठाने की फिराक में रहते हैं ‘,
‘दिल साफ रखना गुनाह है आजकल’ , वो- ‘धक्के खा रहा है आज तक ‘ |
[9]
‘आओ मिल कर देश को’ ‘ सुचिता’ , ‘स्वच्छता’ और ‘ सुकर्मों से सजाएँ ‘,
‘अकर्मण्यता’ ,’अदूरदर्शिता’, ‘निराशा से उभर कर’ ‘नया भारत’ ‘निर्मित करें ‘|
[10]
आप जैसे जब दिल मे रहते हैं” ,” दिल खूबसूरत क्यों नहीं होगा “,
“झंझावटों को छोड़ दिया है “,” सहीं मित्रों की पहचान कर ली है “|
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